Prithvi Raj Chauhan: Poem by a Poet from Paddar

Prithvi Raj Chauhan: Poem by a Poet from Paddar

नमस्कार मित्रों, आप सभी को वीर शिरोमणि हिन्दू हृदय सम्राट पृथ्वीराज चौहान जिन्को राई पिथोरा के नाम से भी जाना जाता है की जयंती पर हार्दिक शुभकामनायें । साथियो महान योध्दा पृथ्वीराज चौहान 12वीं सदी में पैदा हुए भारत के अन्तिम हिन्दू सम्राट थे जिन्होंने अपने अन्तिम सांस तक अपनी वीरता और महानता का प्रमाण दिया । आज उनकी जयंती के उपलक्ष्य पर उनके जीवन पर चंद पंक्तियों की रचना की है । आशा है आपको पढ़ने में आनन्द और जोश का अनुभव होगा ।

।। पृथ्वीराज चौहान ।।

भारत की इस धर्म भूमि पर
हुआ सम्राट एक ऐसा
नहीं इतिहास में उसके बाद
फिर योध्दा मिला वैसा ।

अल्प आयु में सिंघासन
की गद्दी उसने पाई थी
अन्तिम सांस तक उसने
वीरता अपनी दिखाई थी ।

अस्त्र विद्या हो या शस्त्र विद्या हो
सबमें वो बहुत निपुण था
राजा बनने का उसमें
हर एक प्रबल गुण था ।

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A Poem on the Development of Paddar

राजनीति और भाषाओं का
उसको उत्तम ज्ञान था
भारत की वो शान था
नाम जिसका पृथ्वीराज चौहान था ।

मोहम्मद घोरी को उसने
अनेकों बार हराया था
उसको बंदी बनाकर
अपना लोहा मनवाया था ।

तरायन की पहली लड़ाई में
घोरी की विशाल सेना हराई थी
ऐसा धोया दुश्मन को
नानी याद दिलाई थी ।

राई पिथोरा को अपने ही हिन्दू
राजा जय चंद से धोखा मिला
आपसी दुश्मनी की वजह से
शत्रु को फिर आक्रमण का मौका मिला ।

तरायन का दूसरा युध्द
हुआ बहुत ही भयानक
दुशमन ने चारों तरफ से
धावा बोला अचानक ।

हिन्दू हृदय सम्राट को हराकर
घोरी ने भारत में इस्लाम का झंडा फहराया
खुद तो वापिस चला गया पर
अपने गुलाम क़ुतुब -उद -दिन को
दिल्ली का पहला सुल्तान बनाया ।

बंदी चौहान को बनाकर
घोरी अपने देश लाया
उसकी आंखें निकाल कर
उस पर बहुत कहर ढाया ।

बड़ी मुश्किल से राजकवि
चंद बरदाई ने अपने राजा और
मित्र से मिलने का मौका पाया
भेष बदल कर उसने घोरी को चौंकाया ।

चौहान का राजकवि और
मित्र बड़ा ही महान था
काव्य कला में निपुण
और हाजिर ज़ुबान था ।

देकर चुनौती मोहम्मद घोरी को
अपने राजा का हुनर बताया था
इशारा पाकर उसका चौहान ने
शब्दभेदी बाण चलाया था ।

घोरी का सर धड़ से अलग कर
मौत की नींद सुलाया था
अपने मित्र को गले लगा कर
अपना हाल सुनाया था ।

नहीं बच पायेंगे अब ये सोच उसने
चौहान और खुद पर खंजर चलाया
मित्रता का फ़र्ज निभाकर
इतिहास में नाम अमर करवाया ।

पृथ्वीराज चौहान की गाथा सुनकर
हर भारतीय का दिल धड़कता है
अपनी संस्कृति की रक्षा के खातिर
सबका दिल मचलता है ।

धन्यवाद!!! ।।जय हिंद जय भारत ।।

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