Paddri Song dedicated to the beauty of Paddar (Lyrics)

Paddri Song dedicated to the beauty of Paddar (Lyrics)

मित्रो वर्तमान लॉकडाऊन के चलते जब पूरा देश एक अजीब तरह की मानसिक तनाव से ग्रस्त है हर तरफ निराशा और हताशा का वातावरण है लोगों को कहीं बाहर जाने की मनाही है ऐसे में लोगों के पास समय काटे नहीं कटता है जिस के कारण बहुत से लोग अवसाद के शिकार हो रहे हैं , वहीं इस का एक सकारात्मक पक्ष यह भी है कि अनेक लोग इस का सदुपयोग अनेक प्रकार की रचनात्मक कार्यों में कर रहे हैं इसी का परिणाम है कि हमें बहुत से उभरते हुए कवियों और लेखकों की रचनाएं सोशल मीडिया पर देखने पढ़ने को मिल रही हैं जो कि एक सुखद संकेत है इसी तरह मुझे भी अवसर मिल रहा है अतीत के पन्नों को पलटने का इसी क्रम में आज आप की सेवा में प्रस्तुत करने जा रहा हूं एक पाडरी गीत जो अस्सी के दशक के दौरान लिखा था और इस का मंचन भी कुछ विशेष आयोजनों में किया था और जनता का स्नेह प्राप्त हुआ था। इस में पूरे पाडर की झलक दिखाने का प्रयास किया है आशा है हमारे पुराने मित्र अपनी यादों को ताज़ा करें गे ।

( गीत)

अज़ै तुअ्स पाडरा ,पहाड़ ,पाडर ठि्यार हेरै ओ,
हेरि घेऐ पाडरा यक बार ,पाडर ठि्यार हेरै ओ।

आसै पासै हेरै हिंयण ऊंचै पहाड़ा,
ब्यच़ चनाब दि्यना छ़ल तै छ़ल्हारा,
छोटै मोटै नदी नाडू बेशुमार,पाडर ठि्यार हेरै ओ।
अज़ै तुअस पाडरा………………….

हिंय्ण अस पाडरेरी गल किय् लाणी,
ठंडी हवा ,आड़ि ठंडा ठंडा पांणी,
तत्ता पांणी मेल तत्तौंणी ठि्यार,पाडर ठि्यार हेरै ओ।
अज़ै तुअस पाडरा……………………

पाडर मशहूर हिय्ंण नीलमर खाना,
हरै भरै बंण हिय्ंण दि्यल हिय्ंण जाना,
हेरै हिय्ंण च़ीअ् तै केलार, पाडर ठि्यार हेरै ओ।
अज़ै तुअ्स पाडरा……………………..

Suggested read: A poem in Paddri dialect.

ठुंढ ज़ीरा पाडरेर् बड़ै मशूरा,
फीतै थंणगुलि हिय्ंण पुजनै दूरा,
जड़ी बूटी मीनी धारोधार,पाडर ठि्यार हेरै ओ।
पाडर मशूरा हिय्ंण अट्ठलर ठि्यारा,
ज़ल हेरै हेरण जै छेड़ा नज़ारा,
हेरि घेऐ अट्ठलर ठि्यार पाडर ठि्यार हेरै ओ।
अजै तुअस पाडरा………………………..

शोअ् मष्शु हेरै हमूरी मच़ैला,
त्यारी इश्धैरी हेरै,ज़ाड़ कधेला,
हेरि घेऐ लिगरी तै सलाड़, पाडर ठि्यार हेरै ओ।
अज़ै तुअस पाडरा……………………………

ज़ागरा गुलाबगढ़ मघै सलाड़ा,
गढ़र च़ैटि हेरै ज़ाड़ मिठ्यागा,
नाघुई हीरणी थे गन्हारि पाडर ठि्यार हेरै ओ।
अज़ै तुअस पाडरा पहाड़ ,पाडर ठि्यार हेरै ओ।
हेरि घेऐ पाडरा यक बार पाडर ठि्यार हेरै ओ

( मधुर पाडरी)

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