Poem on World Environment Day

Poem on World Environment Day

नमस्कार मित्रों !आप सब को विश्व पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं ।जैसे की आप भलीभांति जानते हैं की आज का दिन अर्थात 5 जून पूरे विश्व भर में पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी उपलक्ष्य पर मैंने धरती को प्रदूषण से बचाने के लिये कुछ पँक्तियाँ रचने का प्रयास किया है ।आशा करता हूँ की मेरा यह प्रयास सार्थक साबित होगा ।

।। धरती बचाओ जीवन बचेगा ।।

धरती हमारी महान है
न कोई ग्रह इसके समान है
जीवन केवल यहाँ पर संभव है
जहां तक विज्ञान का अनुभव है ।

अपनी ही कुकर्मों से हमने
धरती को प्रदूषित किया
ज़हरीली गैसों को उत्पन्न करके
वातावरण को दूषित किया ।

वातावरण को दूषित कर
हम स्वस्थ ना रह पायेंगे
जब प्रकृति का कहर बरसेगा
खुद को बचा ना पायेंगे।

Barnaj lake, Photo credit: Shiv Kumar

प्रदूषण का स्तर कितना बढ़ा है
हमने अखबारों में रोज़ पढ़ा है
पर अफसोस ठोस कदम
हम लोग उठा ना पाए हैं
केवल राजनीति ही कर पाए हैं ।

सरकारें तो हमसे करे अनुरोध
पर हमने किया सिर्फ विरोध
नो प्लास्टिक के नारे लगाए
पर किनारा इससे कर ना पाए ।

Surinder Rana, Poet R/O Pallali Paddar

अब भी समय है संभल जाओ
केवल भोग से मन मत बहलाओ
कुछ ऐसे कदम उठाओ कि
भावी पीढ़ी का भविष्य बचा पाओ।

धरती को प्रदूषण से बचाओ
अपने आस पास पेड़ लगाओ
सी एन जी का उपयोग कर
वायु को दूषित होने से बचाओ।

आधुनिकता की आड़ में
जिन्दगी की रफ्तार में
ना भूलें हम अपना फर्ज़
जीते जी चुकाओ धरती माँ का कर्ज़ ।

प्रकृति का संतुलन ज़रूरी है
हम भी अपना योगदान दें
इसमें क्या मजबूरी है
जीव हत्या ना हो हमसे कोई
ये ख्याल रखना ज़रूरी है ।

माना कुछ मूर्ख लोगों ने
किया प्रकृति से धोखा है
परन्तु हम तो अच्छा करें
हमको किसने रोका है ।

धरती माँ को प्रदूषण से है बचाना
तो पेड़ पौधे खूब लगाना
पर जीव जन्तु को कभी ना सताना
कर बध प्रार्थना करे आपका मित्र सुरिंदर राणा ।

धन्यवाद!!जय हिंद !!जय भारत!!

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