Paddri Dialect: Present & Future

“पाडरी बोली का वर्तमान” किसी भी स्थान कि संस्कृती एक पेड़ के समान होती है| जिसकी शाखाएं उसके त्यौहार, खान पान, रीती रीवाज़ और हस्तशिल्प होतें हैं| भाषा उस पेड़ कि जड़ के भांति है, जिसके बिना इस समाज रुपी पेड़ का विकास संभव नहीं है| हम सभी पत्ते मात्र हैं जो इस जीवन रुपी … Continue reading Paddri Dialect: Present & Future