Yog Raj Chouhan

Poem by Madhur Paddri : फूल वे जाने कहां हैं|

यह कविता (हाई स्कूल सोहल के) उन चार होनहार...

Paddri Geet (औंऊं हंडना अकेला) by Madhur Paddri

दोस्तो अतीत के पन्नों को पलटते हुए एक बार...

Paddri Song ( Paddri Yugal Geet)

दोस्तो बचपन से ही मुझे कविताएं कहानियां गीत संगीत...

Paddri Song dedicated to the beauty of Paddar (Lyrics)

मित्रो वर्तमान लॉकडाऊन के चलते जब पूरा देश एक...

A Poem in Paddri Dialect (हाय कैसा इय संसार हन्ना)

यह तब की बात है जब 28 से 30जुलाई...

GREF in Paddar: Poem

पाडर कि पावन भूमि पर जब ग्रेफ द्वारा सड़क...

A poem on Coronavirus “कोरोनावली”

कोरोनावली "कोरोना" के ...

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