आप सभी को बुध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनायें ।मित्रो जैसा की आप जानते हैं की आज से लगभग 2500 साल पहले बौद्ध धर्म के संसथापक गौतम बुध ने इसी दिन भारत की पावन धरा पर जन्म लिया था । हिन्दू इन्हें विष्णु भगवान का 9वाँ अवतार भी मानते हैं ।इसी उपलक्ष पर मैंने आज इनके जीवन पर कुछ पंक्तियों की रचना की हैं ।आशा करता हूं कि आपको पसंद आएंगी …..
।। महात्मा बुद्ध ।।
भारत की इस पावन धरा पर
एक युग पुरुष ने अवतार लिया
सत्य अहिंसा का पाठ सिखाकर
जग पे बहुत उपकार किया ।
नहीं अभाव था किसी वस्तु का
पर सत्य जानने का मलाल था
सच्चा ज्ञान प्राप्त करने का
उनका संकल्प कमाल था ।
भरी जवानी में उन्होंने
राज-पाठ का त्याग किया
आधी अंधेरी रात में
महल छोड़कर विराग लिया ।
ज्ञान पाने के खातिर
दर-दर ओ भटके थे
साधु संतो के सानिंध्य में
कहाँ-कहाँ अपना माथा पट्के थे ।
अपने गुरु आलारा कलामा से
ध्यान की विधि पाई थी
सच्चा ज्ञान पाना है
बात ये मन में समाई थी ।
ज्ञान की खोज में
कई वर्षों तक भ्रमण किया
पथ से विचलित ना हुये
हर संकट को ग्रहण किया ।
बैठे एक दिन पीपल के नीचे
मन में आया विचार
ध्यान मगन है रहना
जब तक ना खुले ज्ञान का द्वार ।
फिर एक दिन ऐसा आया
बुध ने ज्ञान का प्रकाश पाया
अपने अथक प्रयासों से
समस्त विश्व को जगाया ।
अहिंसा परम धर्म है
यह संसार को सिखाया
जो सभी दुखूं की जननी है
इच्छा उसे बताया ।
जैसा बोओगे वैसा काटोगे
इसमें कोई संदेह नहीं
जो आया है ओ जायेगा
अमर किसी की देह नहीं ।
अच्छे कर्म करो तुम
ना हिंसा में पड़ो तुम
कपट चोरी और बाईमानी
से हमेशा डरो तुम।
सच्चा ज्ञान ही जीवन का
एक आधार है
जिसने इसको जान लिया
उसकी नैया पार है ।
धन्यवाद ।