These wonderful lyrical lines written by Sh. Surinder Rana are bound to make readers nostalgic. Fully brimmed with the childhood experiences this poem is an odyssey to the mother’s world. This is dedicated by the poet to all the mothers on this Mother’s Day. I am confident everyone will like it. Here is a poem:
।। माँ की ममता ।।
हमारी माँ का हमपर
बहुत बड़ा उपकार है
जीवन देकर उसने दिया
हमें सबसे बड़ा उपहार है।
अपनी सन्तान को वो
हृदय से करती प्यार है
अपने बाहों में लेकर उसे
करती बहुत दुलार है ।
माँ की ममता देखो
जग में सबसे निराली है
दूध अपना पिला पिला कर
औलाद उसने पाली है ।
मखमल पर हमें सुलाकर
खुद बिन बिस्तर ही वो सोई है
खाना भर पेट हमें खिलाकर
खुद बिन खाये भी वो सोई है ।
हमारे दुखों पर दुखी होकर
वो कितनी बार रोई है
हमारी खुशी के लिये मांगे दुआ
सचमुच फरिश्ता वो कोई है ।
माँ बेटे का इस धरा पर
बड़ा ही निर्मल नाता है
पुत्र भले ही कुपुत्र सुनें
पर ना माता सुनी कुमाता है ।
जो अपनी प्यारी माँ की
ज़रा भी सेवा कर पाता है
इस जग में रहकर वो
भाग्य अपना बनाता है ।
औरों को प्रेरित कर जो
माँ का यश फैलाता है
उसका आशीर्वाद पाकर वो
अपनी किस्मत चमकाता है।
सुनो मेरे प्यारे वीर
तुम धरो ज़रा सा धीर
माँ को अपशब्द सुनाकर
मत दो उनको कभी भी पीड़ ।
उनको दुख देकर तुम
जीवन अपना बर्बाद करोगे
जब माँ की ममता ना मिलेगी
रो रो कर उनकी ममता याद करोगे ।
माँ का एहसान हम जीवन भर
कभी भी ना चुका पायेंगे
मगर सचे मन से करें सेवा तो
भवसागर से तर जाएँगे ।
धन्यवाद ।
This poem is dedicated to all the mothers.