कोरोना के इस भीषण काल में जहां पूरा विश्व संकट से जूझ रहा है, वही हमारे देश के वीर सिपाही ,सैनिक ,वैज्ञानिक चिकित्सक और शिक्षक बड़ी ही बहादुरी के साथ इसे हराने में लगे हैं। हम सदैव इनके आभारी हैं इनकी इस कार्यशैली ने आज हमारे भारत को कोविड-19 के इस प्रभाव से कुछ हद तक बचाए रखा है,हमें इनका साथ देना चाहिए और अपना कर्तव्य भी निभान चाहिए, हम सब माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आभारी रहेंगे और समस्त देशवासियों के सहयोग से अभियान को सफल बनाएगें।
देश जीतगा किरोना हारेगा।
जुल्म ए करोना
जो भी हुआ बुरा हुआ यह कहने से डरो ना ,
हम भूल ना पाएंगे वक्त जुल्म ए करोना ।
मंजिल किसी की पास थी ,
मंजिल के कोई पास था ।
सपने किसी के टूट के ,
बैठा कोई उदास था ।
महसूस जो हमने किया तुम भी वही करो ना
हम भूल ना पाएंगे वक्त जुल्म ए करोना ।
घर छोड़कर कोई कहीं,
था जी रहा सुख से वही ।
परिवार का क्या होगा अब,
इस सोच में डूबा वही ।
जो है जहां रह लो वहां बेमौत अब मरो ना
हम भूल ना पाएंगे वक्त जुल्म ए करोना ।
इतिहास में जो ना हुआ ,
करोना काल में वह हो गया ।
सब कार्यशैली रुक गई ,
इकॉनमी पूरी झुक गई ।
व्यवसायियों से गुज़ारिश मेरी बेवजह किसी को ठगो ना
हम भूल ना पाएंगे वक्त जुल्म ए करोना ।
सैनिक चिकित्सक व वैज्ञानिक,
आओ सभी को नमन करें ।
सम्मान अब उनका करो ,
जैसा nandrolone phenylpropionate कहें वैसा करो ।
घर-घर में जा शिक्षक कहें इस बात को समझो ना.
हम भूल ना पाएंगे वक्त जुल्म ए करोना ।
दूरी रखो हर पल सभी ,
यह बात मत भूलो कभी ।
खुद भी जियो जीने भी दो,
मिलजुल रहे इंसान सभी ।
दुनिया में जो हो रहा है उस सच्चाई से मुक्रो ना
हम भूल ना पाएंगे वक्त जुल्म ए करोना ।
ना पावर ए सुपर चली ,
ना बिटो ना न्यूक्लीयर चली ।
दूरी समाजिक जिसने की,
खुद भी बचे और दूजे भी ।
यह देश दुनिया फिर चलेगी खुद पर भरोसा रखो ना
हम भूल ना पाएंगे वक्त जुल्म ए करोना ।
मेरी गुजारिश उनसे है ,
जो घर से बाहर उनसे हैं ।
योद्धा करोना के सभी ,
सर आंखों पर कसम से है।
उपकार उनके हम पे हैं सेल्यूट उन्हें करो ना
हम भूल ना पाएंगे वक्त जुल्म ए करोना ।
मेरा वतन मेरा चमन ,
दुनिया में फिर से हो अमन ।
मेरी दुआ मेरे रब से है ,
भारत मिले मुझे सौ जन्म।
एहसान इसका हम पे है इस बात को बिसरो ना…
हम भूल ना पाएंगे वक्त ज़ुल्म ए करोना।
(सोनू कुमार भारद्वाज)
धन्यवाद