नमस्कार मित्रों! आप सबको रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ ।दोस्तो रक्षा बंधन के इस पावन अवसर पर एक और कविता आपके नज़रकर रहा हूँ ।आशा है सबको यह कविता पसंद आयेगी ।सभी बहनों को समर्पित है इस कविता की पंक्तियां कुछ इस प्रकार से हैं….
।। रक्षा बंधन का त्यौहार ।।
रक्षा बंधन की सबको
मैं दूँ हार्दिक बधाई
कोटि कोटि नमन है उसको
जिसने यह रीत बनाई !
राखी का यह त्यौहार
बड़ा ही अनोखा है
भाई बहन के प्यार को
निखारने का उत्तम मौका है ।
हर भाई बहन को इस दिन का
रहता बेसब्री से इंतज़ार
बहन भाई की कलाई पर राखी बांधे
भाई देता प्यार का उपहार ।
ना समझे कोई इसे
केवल एक छोटी रस्म
बहन भाई को दुआयें देती
भाई भी खाये फर्ज़ निभाने की कसम ।
बहन देती दुआ भाई को
फूलो फलो तुम जीयो सालों साल
जब तक जिन्दगानी रहे
तुम हमेशा रहो खुशहाल ।
भाई भी कुछ इस कदर
अपना फर्ज़ निभाता है
अगर बहन दुखी हो
तो वो चेन से ना रह पाता है ।
कहता भाई सुन मेरी बहना
तू मान ले थोड़ा मेरा कहना
रक्षा बंधन पर राखी पहनाकर
तू प्यार अपना बरसाती रहना ।
सजाकर मेरी कलाई तुम भूल ना जाना
अपने भाई से तुम दूर ना जाना
समय समय पर याद करती रहना
हो सके तो घर आती रहना ।
बहन तेरी हमदर्दी का मोल
मैं शायद कभी चुका ना पाऊं
एक ही आरज़ू है बस हर हाल में
मैं अपना फर्ज़ निभा पाऊं !
भाई बहन का इस जगत में
बड़ा ही अनोखा नाता है
बहन से बढ़कर शुभचिंतक
नज़र ना कोई आता है ।
एक भाई भगवान से बस
यही फरियाद करता है
मेरी बहनों को हमेशा खुश रखना
जिनको हर घड़ी वो याद करता है !
~ सुरिंदर राणा
धन्यवाद!! जय हिन्द !! जय भारत !!