हर साल 26 जुलाई का दिन कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सैनिकों को खदेड़कर कारगिल की चोटियों पर फिर से कब्जा कर लिया था। पाकिस्तान की सेना ने दोनों देशों के बीच हुए समझौते को तोड़ते हुए भारतीय सीमा में घुसपैठ की थी और कारगिल की चोटियों पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद भारतीय सेना ने 60 दिनों तक लड़ाई करके पाकिस्तान को भगाकर कारगिल जीत लिया था।कारगिल का युद्ध कुल 60 दिनों तक चला था और 26 जुलाई 1999 के दिन भारत को विजय मिली थी। इस घटना को 22 साल हो चुके हैं और हम आज भी उन जवानों की शहादत याद करते हैं, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। इन बहादुरों को आज और आने वाले हर दिन याद किया जाना चाहिए।
“भारतीय सेना को कोटि-कोटि नमन्”
शहीद हुए जो सरहद पर,
उनके प्रति मेरा दिल ये कहेl
भारत मां के उन वीरों को,
मेरा कोटि-कोटि नमन् रहेl
भूला मैं नहीं शहादत उनकी,
मिट गए देश की खातिर जोl
पग -पग पर सींचा रुधिर से,
सरहद में मिल गए आखिर वोl
जाते-जाते कहते वो रहे,
खुशहाल मेरा चमन रहेl
भारत मां के उन वीरों को,
मेरा कोटि-कोटि नमन् रहेl
वे कल भी थे वे आज भी है,
उनका अस्तित्व अमर रहेगाl
सरहद पर शहादत में उनकी,
मेरा वतन का तिरंगा रहेगाl
दुश्मन को मिलाकर खाक में,
बस मेरे देश में अमन रहेl
भारत मां के उन वीरों को,
मेरा कोटि-कोटि नमन् रहेl
मैं हर गली चौराहे पर,
बस यही प्रश्न उठाता हूंl
मैं अमर शहीदों के चरणों का,
और उनका यश गाता हूंl
उनका हम पर है कर्ज बड़ा,
इस बात को मेरा खून कहेl
भारत मां के उन वीरों को,
मेरा कोटि-कोटि नमन् रहेl
मत भूलो उन वीरों को,
सरहद पर जो मर मिट गएl
मत भूलो उन माताओं को,
जिनके अति प्यारे सूत गएl
उस वीरांगना पे क्या बीती होगी,
सागर जितने अश्रु जिसके बहेl
भारत मां के उन वीरों को,
मेरा कोटि-कोटि नमन् रहेl
अपनी जान रख के हथेली पर,
सीमाओं की रक्षा करते हैंl
सीने पर गोली खाकर भी,
दुश्मन से टकरा करते हैंl
वह अपनी आखरी सांस तक,
हंसते-हंसते हर दर्द से सहेl
भारत मां के उन वीरों को,
मेरा कोटि-कोटि नमन् रहेl
निस्वार्थ भाव से देश की,
सरहद पर पहरा देते हैंl
सर्दी गर्मी हर मुश्किल में,
कर्तव्य पर डटे रहते हैंl
परिवार अपना त्याग कर,
आजाद हिंद वो कर गएl
भारत मां के उन वीरों को,
मेरा कोटि-कोटि नमन् रहेl
मेरे देश की सेना हो सम्मानित,
यह पूरे देश की आशा हैl
बन जाऊं उनकी चरण धूलि,
सोनू की यही अभिलाषा हैl
युगों-युगों तक धरती पर,
हम विजय दिवस मनाते रहेl
भारत मां के उन वीरों को,
मेरा कोटि-कोटि नमन् रहेl
देशभक्तों के चरणों में समर्पित यह मेरी एक छोटी सी भेंट उम्मीद करता हूं आप सभी इसे सरहाएंगेl
“जय हिंद की सेना”
(लेखक सोनू भारद्वाज)