नमस्कार दोस्तों आप सभी को विश्व जल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं (22/3/2022)प्यारे दोस्तों आप सभी जानते हैं आजकल शहरों में आए दिनों जल त्रासदी का सामना करते हुए लोगों को देखा जाता है आओ दोस्तों इस जल दिवस पर हम सभी ऐसा संकल्प लें कि कम से कम अपने घरों से निकलने वाला कूड़ा अपने आसपास के जल स्रोतों में ना फेंकें यदि आपके आसपास नदी, नाला,झरने, झीलें और विशेषकर आपना दरिया ए चिनाब,भोटनाला इत्यादि है कृपया इन्हें प्रदूषित ना करें…
दोस्तों अपनी आवाज को एक कविता के माध्यम से आप तक पहुंचा रहा हूं कृपया कविता को ध्यान से पढ़ें और और यदि मेरी यह छोटी सी कोशिश आपको पसंद आए तो अपने दोस्तों में भी साझा करें और अपने विचार भी जरूर रखें धन्यवाद
“है जल अगर तो कल होगा”
निकली हिमालय की गोदी से,
निर्मल जल की धाराl
है जल अगर तो कल होगा,
कर लो बुलंद यह नाराll
जल बिन जीवित रहना मुश्किल,
इस बात का इल्म है,हम सबकोl
मेरा ईश्वर तो पानी है,
मैंने तो देखा नहीं रब कोl
बातों से ना कुछ होने वाला
ना होगा किसी का गुजारा…
है जल अगर तो कल होगा,
कर लो बुलंद यह नाराll
हिमनद,संरक्षित होंगे तो,
धरती पर हरियाली होगीl
भंडार भरेंगे,अनधन से,
लहलहाते खेत हों फसलों केl
खुशहाल सभी का मन होगा
खिलेगा हर बाग ए बहारा…
है जल अगर तो कल होगा,
कर लो बुलंद यह नाराll
एक सभ्य सामाजिक जीवन में,
अपना कर्तव्य निभाते चलोl
जल ऊर्जा है,जल जीवन है,
यह बात सभी को बताते चलोl
बगैर इसके जी पाते ना हम
हो जाएगा अंत हमारा…
है जल अगर तो कल होगा,
कर लो बुलंद यह नाराll
सभी धर्म,जात और रंगभेद को,
पानी सीख यह देता हैl
मैंने ना किसी में फर्क किया,
इसलिए मस्ती में बहता हैl
मुझ को प्रदूषित मत करना
मैं हूं भविष्य तुम्हारा…
है जल अगर तो कल होगा,
कर लो बुलंद यह नाराll
नाले,नदियों का मृदुल शोर,
जब कानों में गुंजन करती हैl
मानो हो बसंत की,चंचल भोर,
हर अंग प्रसन्नचित्त करती हैl
झरनों की ठंडी पवन कहें
देखो धरती का नजारा…
है जल अगर तो कल होगा,
कर लो बुलंद यह नाराll
भूमि पर जल सर्वाधिक है,
उसमें से पीने योग्य जलl
हिमनद और नदियों का है,
है समय बचा लो योग्य नीर,
ना मिलेगा समय दोबारा…
है जल अगर तो कल होगा,
कर लो बुलंद यह नाराll
कुछ विशेषताएं हैं जल की,
खिला देता गुल,जहां धरा जलतीl
मुरझाए में जान यह ला देता,
पत्थर पर फसलें उगा देताl
बनकर साधन यह झीलों का
हमें देता किश्ती,शिकारा…
है जल अगर तो कल होगा,
कर लो बुलंद यह नाराl
कर लो बुलंद यह नाराl
कर लो बुलंद यह नाराl
लेखक:-सोनू भारद्वाज