नमस्कार मित्रों!! आज एक और कविता आपके लिए पेश कर रहा हूँ ।अपनी मातृभूमि से मुझे कितना प्यार है ये शब्दों में बयां करना संभव नहीं है पर हां इसकी सेवा में चंद पंक्तियाँ फिर से समर्पित करने जा रहा हूँ आशा करता हूँ आपको ये पंक्तियां अच्छी लगेंगी।
।। हम पाडर नया बनाएँगे ।।
हम पाडर नया बनाएँगे
हम पाडर नया बनाएँगे ।
विचारों की घनघोर वर्षा करके
ज्ञान का उचित मंथन करके
सब को भागीदार बनाकर
हम दौर नया लाएंगे ।
हम पाडर नया बनायेंगे
हम पाडर नया बनायेंगे ।
पाडर को आत्मनिर्भर करके
स्वाभिमान सबके दिलों में भरके
सबको सक्षम बनाकर
आत्मसम्मान हम बढ़ाएँगे ।
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हम पाडर नया बनाएँगे
हम पाडर नया बनाएँगे ।
संस्कृति हमारी महान है
मीठी हमारी ज़ुबान है
पाडर को छोटा भारत बनाकर
हम पहचान नई बनाएँगे ।
हम पाडर नया बनाएँगे
हम पाडर नया बनाएँगे ।
पाडर एक बहुत सुन्दर स्थान है
प्राकृतिक सौंदर्य हर जगह विद्यमान है
इसको पर्यटक स्थल बनाकर
पर्यटन के मानचित्र पर लाएंगे ।
हम पाडर नया बनाएँगे
हम पाडर नया बनाएँगे ।
पाडर को विकास के पथ पर लाकर
सबको उनका हक़ दिलाकर
खुशी के अनुपम फूल खिलाकर
हम नीलम की घाटी को महकायेंगे ।
हम पाडर नया बनाएँगे
हम पाडर नया बनाएँगे ।
शिक्षा हमारी रीढ़ है
इसलिये उठानी हमको पीड़ है
सबको शिक्षित बनाकर
हम पाडर को चमकाएंगे ।
हम पाडर नया बनाएँगे
हम पाडर नया बनाएँगे ।
यह काम इतना आसान नहीं
पर होना हमें परेशान नहीं
एक दूसरे का साथ देकर
हम कारवां आगे बढ़ाएँगे ।
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हम पाडर नया बनाएँगे
हम पाडर नया बनाएँगे ।
पाडर मचैल डॉट कॉम पर आकर
अपना अपना सुझाव देकर
इसको ज्ञान का कोष बनाकर
हम अपनी भूमिका निभाएँगे ।
हम पाडर नया बनाएँगे
हम पाडर नया बनाएँगे ।
धन्यवाद! जय हिंद!! जय भारत !!जय पाडर !!